Paatal lok web series – पाताल लोक का हतोड़ा त्यागी
आज तक समझ नहीं पाया, उस किरदार से प्यार था या नफरत ? – प्रसिद्द वेब्सिरिस पाताल लोक के हतोड़ा त्यागी
आपने अगर Paatal lok web series – पाताल लोक नाम की बड़ी प्रसिद्द वेब सीरीज अगर देखि हे तो , उसमे हतोड़ा त्यागी का किरदार निभाने वाला जरूर याद ही होगा, इस अमेज़ॉन प्राइम के वेब सीरीज में यह खतरनाक करेक्टर निभाने वाला अभिषेक बनर्जी आज इनसे हम जानते हे क्या इन्होने यह किरदार निभाने के लिए किस तरह की तैयारियां की थी।
पाताल लोक के इस हतोड़ा त्यागी ने अपने इस किरदार को लेकर यह बताया की ” जब इस Paatal lok web series – वेब सीरीज के लिए मैडम अनुष्का शर्मा जी के प्रोडक्शन हाउस में किरदारों का चयन शुरू हे, वेब सीरीज ” पाताल लोक ” 2020 में रिलीज करने का प्रयास हे तो मैंने प्रयास शुरू कर दिए थे। लेकिन जब रिलीज होने के बाद मुझे कभी लगा ही नहीं की यह सीरीज दर्शको का दिल जीत लेगी, अब तो दर्शक इस सीरीज के दूसरे पार्ट का भी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हे। इसी वेब्सिरिज से जयदीप अहलावत , अभिषेक बनर्जी , स्वास्तिका मुखर्जी और गुल पनाग के अभिनय को काफी सराहा गया था, वेब सीरीज में सबसे खरनाक और निगेटिव्ह किरदार में हतोड़ा त्यागी बने अभिषेक बनर्जी से तो लोग असल जिंदगी में भी डरने लगे। अभिषेक बनर्जी के इस किरदार ने उन्हें आय एम् डी बी को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया की इस किरदार से मुझे लगाव सा हो गया था या इस व्यक्तिरेखा के प्रति घृणा उत्पन्न हो गयी थी यह अभी तक समझ नहीं पा रहा हु। जिंदगी के मुश्किल वक्त में मिले इस किरदार ने एक पहचान सी बनायी क्या इससे प्यार करू या नफ़रत।
अभिषेक बनर्जी ने कहा की ” Paatal lok web series – हतोड़ा त्यागी एक ऐसा किरदार हे, जो आज भी मेरी अपनी भावना को भ्रमित कर देता हे। में आज भी समझ नहीं पा रहा हु , अपराधी होने पर मुझे उससे नफ़रत करनी चाहिए या वह भी इंसान था उससे प्यार करना चाहिए।
हतोड़ा त्यागी का किरदार निभाते समय उन्होंने क्या सीखा तो वह बोले, दुनिया भर में लोकडाउन की वजहसे और मौत के तांडव से अफरातफरी का माहौल था और रोज टीव्ही पर मौत और विनाश की खबरों से और उससे जुडी कहानियो से थोड़ी निराशा सी बन गयी थी। यह थोड़ा अजीबो गरीब माहौल था उसी दौरान पाताल लोक रिलीज हुयी थी। ट्रेलर मेरे जन्मदिवस पर रिलीज हुवा और तमाम निराशा के बिच बावजूद मुझे आशा की एक किरण दिखी थी। और मुझे हतोड़ा से ही प्रेरणा मिली। में अपने घर में इस तरह बंद था जैसे किसी जेल में बंद पड़ा सड़ रहा हु। तभी मैंने अपने आप को हतोड़ा त्यागी के लिए खुद को तैयार किया। तब मैंने खुद से सिर्फ एक ही बात कही थी की हतोड़ा दुनिया को उस तरह नहीं देखता जैसा हम देखते हे। वह सिर्फ मौत और विनाश देखता और यही में सोशल मीडिया या समाचार चैनलों के माध्यम से देख रहा था।
मुश्किल दौर में यही किरदार ने मुझे सभालने में मदत की, मैंने खुद को धैर्य रखने के लिए , जैसी हतोड़ा धैर्यवान था , असंयमी था , हिंसक था पर कुत्तो से प्यार कर वह अपने अनादर की वफादारी मालिक के प्रति दिखाता भी रहा था। में तो तभी चुपचाप अगली नौकरी का इंतजाम भी कर रहा था। इस तरह त्यागी हतोड़ा सा मेरी जिंदगी पर ऐसे पड़ा की जैसे जिंदगी के कठिन समय पर किसीने वार कर दिया हो।